हिन्दू धर्म में शंख को बहुत ही शुभ माना गया है। शंख समुद्र मंथन से प्राप्त रत्नों में से एक है और इसे लक्ष्मी जी का भाई भी कहा जाता है। शंख को सुख-समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। इसकी ध्वनि वातावरण को शुद्ध करने के साथ साथ घर के वास्तुदोष भी दूर करती है। शंख कि ध्वनि या शंख मिटाता है वास्तुदोष। ऐसा माना जाता है कि भूमि में विद्यमान स्थायी वास्तुदोष भी नियमित शंखनाद से दूर हो जाते हैं।
शंख मिटाता है वास्तुदोष
पूजा के लिए ढोलकी, सितार, वीणा, मंजीरा, घंटी आदि जैसे वाद्ययंत्रों का प्रयोग किया जाता है। किन्तु शंख इनमें सर्वोत्तम है। शंखनाद घर के वास्तुदोष दूर करने में काफी सहायक होता है। जिस घर में सुबह शाम शंख ध्वनि बजती हो वहां किसी भी प्रकार का वास्तुदोष नहीं रहता। चाहे वह स्थायी वास्तुदोष ही क्यों न हो। शंख मिटाता है वास्तुदोष किन्तु घर में मात्र रखने से ही वास्तुदोष दूर नहीं होते, शंख की ध्वनि वास्तुदोष मिटाती है, वो भी पूरी तरह से। घर में तोड़ फोड़ करने की भी ज़रुरत नहीं पड़ती।
शंख अपने आसपास के वातावरण में से विद्यमान हानिकारक कीटाणुओं को समाप्त कर शुद्ध एवं पवित्र कर देता है। इसलिए पूजा पाठ एवं शुभ कार्य करने से पूर्व शंख नाद किया जाता है।
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शंख है माँ लक्ष्मी का भाई
घर में शंख अवश्य रखना चाहिए, तथा प्रतिदिन शंखनाद भी करना चाहिए। शंख भी माँ लक्ष्मी की तरह समुद्र मंथन से निकला था इसलिए शंख को माँ लक्ष्मी का भाई मन जाता है। इसलिए ऐसी मान्यता है कि जिस घर में शंख हो वहां माँ लक्ष्मी का निवास होता है।
शंखनाद से हो जाता है योग
शंखनाद करने से योग की तीन क्रियाएं एक साथ हो जाती हैं। ये क्रियाएं हैं कुम्भक, पूरक एवं प्राणायाम। इसलिए शंख बजने से शंख बजने वाले को सीधे तौर पर भी स्वास्थ्य लाभ होता है।
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शंख ध्वनि से भाग जाते हैं भूत प्रेत
ऐसी भी मान्यता है कि शंख बजाना नकारात्मक शक्तियां दूर करने का उपाय है। जिस घर में नित्य शंख बजाया जाता है वहाँ भूत, प्रेत, छाया इत्यादि आदि शक्तियां नहीं रहतीं। यदि आप ये सोच रहे हैं कि केवल शंख की ध्वनि मिटाती है वास्तुदोष, तो आप को बता दें कि शंख कि ध्वनि घर से तथा उसमें रहने वाले लोगों में से सभी प्रकार की नकारात्मकता मिटा देती है। न केवल शंख मिटाता है वास्तुदोष, बल्कि सभी प्रकार कि अन्य नकारात्मक्ताएं भी घर से समाप्त कर देता है।
इस कारण जिस घर में नित्य शंख नाद होता हो उस घर के लोग स्वस्थ, शुद्ध एवं सकारात्मक विचारों वाले होते हैं, इसलिए उन्नति करते हैं।
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ऐसे प्रयोग करें शंख
कैसे शंख मिटाता है वास्तुदोष ये जानने के बाद आपके लिए ये जानना भी ज़रूरी है कि शंख को कैसे प्रयोग करें? शंख की स्थापना कब करें? शंख को कब बजाना चाहिए? इन सभी बातों को जानने के बाद ही आप शंख ध्वनि से होने वाले लाभों का भली प्रकार से फ़ायदा उठा सकते हैं।
- घर में शंख किसी भी दिन स्थापित किया जा सकता है। शंख की स्थापना करके उसकी पूजा करें।
- शंख को साफ़ करके उसे धोकर माथे से लगाकर दिन में दो बार घर में शंख बजाएं।
- शंख की पूजा करने के लिए उसमें जल भर कर पूजा करें और पूजा के पश्चात् जल को पूरे घर में छिड़क दें।
- गाए का दूध शंख में भर कर घर में छिड़कें। इससे भी घर में फैली नकारात्मकता समाप्त होती है।
ब्लॉग: कल्याणतरु